मेहंदी के गुण और त्वचा के लाभ: भारत में प्रमुख चयन के कारण

मेहंदी जो की एक प्राकृतिक पौधा है। जो की जंगलों मे आसानी मिल जाता है। जिसके पत्तियों को सुखाकर पाउडर बनाया जाता है और इसे पेस्ट बनाकर अपने हाथ,पैर और त्वचा पर लगाया जाता है। जो की हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को मजबूत करता है | हेना लगाने को सम्पूर्ण भारत में एक उत्सव की तरह देखते है | इसलिए इसे हर्षो उल्लास के साथ मनाते है |

हेना के महत्वपूर्ण गुण


यह महिलाओ के आभूषण और खूबसूरती दोनो की कमी को पुरा करता है । ज्यादातर इसका उपयोग विशेष त्योहार पर किया जाता है। मेहंदी का उपयोग अधिकतर शादी के दिनों में होता है । चुकी भारत जैसे धार्मिक और सांस्कृतिक देश में हेना जैसे कला का एक विशेष महत्व होता है | लोग अक्सर इसे खुशियों के अवसर पर इसका इस्तेमाल करते है |

इसका सुन्दरता और आकर्षकता बढ़ाने के आलावा भी बहुत उपयोग होते है | जैसे की औषधिक महत्व भी बहुत महत्वपुर्ण होती है | लेकिन इसके स्वास्थ्य लाभों को देखते हुए इसका उपयोग अन्य कई उद्देश्यों के लिए भी किया जाता है। हेना के उपयोग को देखते हुए हमने इसके कुछ महत्वपुर्ण गुण को आपको लोगो के सामने रखते है : –

मेहंदी के गुण :-

प्राकृतिक रंग :
मेहंदी एक प्राकृतिक रंग है जो त्वचा को सुंदरता और भव्यता बनाने मे हमारी मदद करता है। इसका रंग धीरे-धीरे त्वचा ख़त्म होता है और यह कुछ समय के लिए सुंदर, गहरे, और स्थायी होता है।

इसका रंग सिर्फ 2 -3 दिन के लिए स्थाई रूप से रहता है | उसके बाद यह धीरे धीरे धूमिल होते जाता है |

शीतल प्रभाव :
मेहंदी को हाथ ,पैर और शरीर के अंग मे लगाने पर ठंडक मिलती है जिससे शरीर का तापमान कम होता है।

और हमे शीतलता का अहसास होता है और लोग गर्मी के मौसम में इसका उपयोग बढ़ जाता है। क्योकि इसको लगाने के लोगो को बहुत आनंद आता है | इसकी ठण्डक पुरे शरीर को तारो तजा करती है |

आंतरिक शान्ति :
मेहंदी को हाथों और पैरों पर लगाने से ज्यादातर महिलाओ और लड़कियों को आंतरिक शान्ति मिलती है। इसके तत्व त्वचा मे जाकर शारीरिक स्थिति को और भी अच्छा करता है । और यह आपके स्वास्थय को सुधारने में मदद करता हैं।

स्वस्थ त्वचा :
मेहंदी के प्राकृतिक तत्व त्वचा के लिए लाभकारी होते हैं। यह त्वचा को मुलायम बनाए रखना काम करती है। और कई त्वचा संबंधित समस्याओं को दूर करता है ।

हेना के उपयोग से त्वचा में रुखापन समाप्त होने लगता है | इसके औषधिक गुण के कारण अगर कही चोट भी होगा तो स्वयं ठीक हो जायेगा |

अंटीबैक्टीरियल गुण :
मेहंदी में एंटीबैक्टीरियल गुण पाये जाते हैं जो त्वचा को स्वस्थ बनाए रखने में मदद कर सकते हैं। यह त्वचा पर मौजूद सभी बैक्टरिया को मारने ने मदद करता है ।

यह गुण हमारे शरीर के लिए बहुत उपयोगी साबित होती है | जैसे की जब कभी बैक्टीरिया हमारे शरीर प्रवेश करेगा तो उसे प्रवेश करते ही उसके अनुरूप कार्य करना शुरू कर देता है |

न्यूनतम विकिरण :
मेहंदी त्वचा को जलते हुए सूरज की घातक किरणों से बचाता है, जो हमारे शरीर के लिए हानिकारक होता है।

इसको लगाने से धुप मे स्किन काला नहीं होता है और जिससे त्वचा को हानि नहीं होती है। हेना के लगे रहने से हमारा त्वचा सूर्य के किरणों से प्रत्यक्ष रूप से बचता है |

त्वचा की सुरक्षा :
मेहंदी का रंग त्वचा की रक्षा कर सकता है और कुछ खतरनाक रोशनियों से हमारी स्किन को रोकने में मदद करता है। यह स्किन के हेल्थ को बराबर बनाये रखता है।

जिससे की लोग ज्यादा से ज्यादा इसे लगाने के लिए उत्साहित होते है। जो प्राकृतिक हेना का पेस्ट आप उपयोग करते हो |

ये आपको धुप में कालेपन से बचाता है | और उससे बीमारियों के लिए भी रक्षक का कार्य करती है |

सुंदरता और सौंदर्य: मेहंदी को हाथ ,पैर और बालो मे लगाने पर रंगीन और सुन्दर आकृति बनती है । जो भी इसका प्रयोग अच्छे से करने पर यह उसका सौंदर्य बढ़ाने मे मदद करता है।यह प्रत्येक उत्सव मे प्रचलित कला है ।

अगर हम बात करे की हेना लगाने के पीछे लडकियों और महिलाओ का मुख्य उद्देश्य रहता है वह कैसे अधिक सुंदर दिखे |

त्वचा की रखरखाव: मेहंदी मे पाये जाने वाले औषधिक गुण और एंटाइऑक्सीडेंट हमारे त्वचा के लिए बहुत फायदेमंद होता है। इसके साथ ये हमारे त्वचा को सुन्दर बनाये रखता है ।

बहुत लोग इसे दवाई के रूप मे उपयोग करते है। ध्यान देने योग्य बात यह भी है | जरुरी नहीं की आप जो हेना उपयोग कर रहे है वो आपके त्वचा को अनुकूल लगे इसलिए उपयोग से पहले एक जाच कर लेना अतिआवश्यक है |

नैचुरल हेयर कंडिशनर: मेहंदी को बालो के कंडिशनर के रूप में भी उपयोग किया जाता है, जिससे बालों में प्राकृतिक चमक और नरमाहट हमेशा बनी रहे |

इसको लगाने से बालो में जितने भी गंदगी होती है | वह समाप्त हो जाती है जैसे की रुसी , तेल का गंदगी आदि | इसको लगाने का एक और लाभ है की इसमें केमिकल न के बराबर होता है |

सांस्कृतिक महत्व: इसको लगाने के पीछे इसका अपना एक सांस्कृतिक महत्व होता है | अगर हम इसके इतिहास पर भी ध्यान दे | तो पता चलेगा की यह बहुत पुराने समय से उपयोग लाने वाला उत्पाद है |

इसका प्रचालन वर्तमान में बहुत अधिक बढ़ गया है | लोग साथ इसके महत्व को भी साथ लेकर चलते है | जैसे की प्रत्येक शादी में मेहंदी लगाने के दौरान संगीत का होना यह हमारे संस्कृति का ही हिस्सा है |

शैली में महत्वपूर्ण: मेहंदी का इस्तेमाल विभीन्न शैली में भी होता आ रहा है, जैसे की रंगोली बनाने में , चित्रकारी में , डिज़ाइन बनाने में आदि सभी में एक ही शैली का उपयोग बहुत ज्यादा होता है |

हेना के भी बहुत सारी शैली प्रचलित लेकिन कुछ खास ही ज्यादा उपयोग में लाये जाते है |

भारत मे किन किन मेहंदी को सर्वाधिक लगाया जाता है ?


भारत में हेना लगाने की यह परम्परा मुग़ल कल से चली आ रही है | ऐसा माना जाता है की सबसे पहले मुग़ल वंश की रानिया ही हेना लगाती थी |

बाद में कुछ हिन्दू स्त्रियों के द्वारा भी उपयोग में लाया जाने लगा और धीरे धीरे इसका प्रचालन बढता चला गया | और यह इस हद तक बढ़ गया की यह सभी हिन्दुओ के विवाह के अवसर पर प्रयोग होने लगा |

भारत में मेहंदी का उपयोग विभिन्न अवसरों और विशेष क्षेत्रों में किया जाता है, लेकिन कुछ विशेष अवसरों पर इसका प्रयोग सर्वाधिक होता है:

शादी और विवाह :
भारतीय सांस्कृतिक और परम्परा में शादी और विवाह एक महत्वपूर्ण घटना है जिसमें दुल्हनों को मेहंदी लगाना आवश्यक माना जाता है । यह परंपरागत और सामाजिक रूप से एक रीति है।

जिसे प्राचीन समय से हमारे पूर्वजो के द्वारा पालन किया जा रहा है | यह हमारे समाज की देन माना जाता है | प्रत्येक दुल्हन अपने शादी के दिन हेना लगाना पसंद करती है |

करवा चौथ :
करवा चौथ का त्योहार भारतीय नारियों के लिए एक विशेष पर्व है और इस दिन महिलाएं हेना लगाती हैं और साथ ही व्रत रखती हैं अपने पतिदेव की लंबी आयु के लिए। इस अवसर पर हेना लगाने से पति पत्नी के बीच के सम्बन्ध हमेशा बेहतर रहते है |

इस दिन शादी सुदा महिलाये अपने पति के लिए उपवास रखती है | जो हिन्दू धर्म की खास मान्यता के अनुसार ऐसा करने से पति की आयु लम्बी होती है |

त्योहारों और मेले:
भारतीय त्योहारों और मेलों का बहुत बड़ा देश है जहा मेलो को भी बड़े धूमधाम से मनाया जाता है और इसमे लड़किया और महिलाये का काम सिर्फ मेहंदी का उपयोग होता है।

इसे होली, दीपावली, ईद, नवरात्रि, रक्षा बंधन, आदि में लगाया जाता है। यह खास ख़ुशी के अवसर पर लगाते है | इसमें खास कर लडकिया ही ज्यादा सजती सवरती है |

विशेष आयोजन और प्रतियोगिताए :
कई स्थानों पर मेहंदी को बढ़ावा देने के लिए बहुत से स्कूल , कॉलेज और विभिन्न स्तर पर मेहंदी के प्रतियोगिताएं का आयोजन किया जाता है ।

और विभिन्न शहरों में आयोजित मेहंदी सम्मेलन मे विजेता को पुरुस्कार से सम्मानित किया जाता है । यह आयोजन मेहंदी के विलुप्त होते महत्व को उजागर करने का कार्य करती है | और हमें इन सभी में भाग लेकर इसको बढ़ावा देना चाहिये|

विभिन्न कार्यक्रम और महोत्सव:
कई सामाजिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों मे इसका उपयोग बढ़ चढ़ कर करते है। जैसे कि गरबा रात्रि, सांस्कृतिक महोत्सव और सांस्कृतिक समारोह मे मेहंदी का उपयोग होता है।

इस अवसर पर बहुत सारी लडकिया विभिन्न कार्यकर्मो में भाग लेती है | परन्तु उनके हाथो की सजवट के लिए हेना ही एकमात्र विकल्प बचता जो उनके हाथ के साथ सारे सजावट की रोनक बधा दे |

निष्कर्ष : – हेना डिज़ाइन के सुन्दरता और आकर्षकता के साथ ही उसके औषधिक गुण और उसके विभिन्न गुण को भी ध्यान में रखना चाहिए |

हमारे पूर्वजो के द्वारा इसके गुणों का बहुत सही ढंग से उपयोग में लाया गया था | वे इसका दवाइयों के रूप में ज्यादा ही उपयोग करते थे | क्योकि उस समय स्वास्थ्य सुविधा न के बराबर थी |

इसलिए वे जंगली जड़ी बूटियों के सहारे ही अपना इलाज करते औए करवाते थे |

वर्तमान में लोग इसके औषधिक महत्व को लगभग पूरी तरह से भूल चुके है क्योकि वे सिर्फ इसे अपने सजावट का एकसामान ही केवल समझते है | लेकिन कई स्थानों पर अब भी नहीं भूले है |

जैसे की किसी भी दुरस्त अंचल गाँव को देख लीजिये |

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