करवा चौथ पर मेहंदी लगाने की परंपरा का इतिहास और महत्व।


करवा चौथ पर मेहंदी: भारतीय सांस्कृतिक के रूप मे करवा चौथ को बहुत महत्वपूर्ण त्योहार माना जाता है जो स्त्रियों के बीच पवित्रता और धार्मिकता मुख्य विषय रहता है।

इसे बड़े उत्साह से मनाया जाता है। इसे मानने के लिए धार्मिक दृष्टिकोण से उपवास रखा जाता है । इसलिए इसे बंधन और प्रेम का पर्व कहा जाता है। करवा चौथ के शुभ अवसर पर विवाहित महिलाएं अपने पति की दीर्घायु के लिए व्रत के द्वारा कामना करती है ।

करवा चौथ के मौके पर मेहंदी लगाने की रस्में और प्रथाएं।


अक्सर भारत मे देखा जाता है की इस त्योहार में महिलाएं नहाने के बाद विशेष रूप से अपने हाथ ,पैर और अन्य अंग पर मेहंदी का डिज़ाइन अपने पसंद के अनुसार बनाती हैं।

मेहंदी के इस प्रथा का इतिहास वर्ष पहले तक जाता है । यह प्रति वर्ष हर बार नए और सुंदर रूपों में आता है।

अगर हम हेना के इतिहास की बात करे तो यह बहुत प्राचीन समय से उपयोग लाये जाने वाले कला है ।

इसका अस्थाई और रंगिनी रूप उद्दीपन के लिए प्रयोग मे लाया जाता था। यह रंगीन तत्व उनकी भावना और प्रेम को एक नया स्वरूप देता है । विवाह के मौके पर इसको बढ़ावा देने के लिए सजीव फूलों, पत्तियों और गुलाबी रंग का उपयोग किया जाता था।

मुगलकाल से ही इस डिज़ाइन का इस्तेमाल बहुत राजा-महाराजा की दुल्हनों के द्वारा किया जाता था। रानीयो ने इसे अपनी सुंदरता और आकर्षकता को बढ़ाने के लिए आपातकालीन तौर पर लगाते थे ।

मुगल राजवंश के समय में हेना के डिज़ाइन हाथों, पैरों, और उंगलियों की सुंदरता को बढ़ाने का एक माध्यम बन गया था।

माना जाता है की मुगल काल सम्राट अकबर ने भी इसे प्रोत्साहन किया करते थे । वे अपनी प्रजा को इसके इतेमाल को बढ़ावा देने लिए भाषण देते थे ।

वे भी इसे अपनी सुंदरता को बढ़ाने या नया रूप प्रदान करने के लिए इस्तेमाल करते थे। हेना डिज़ाइन में गुलाब, बेल, चाँद, गोलियाँ और बारिक लाइनों का उपयोग उस समय के डिज़ाइन का मुख्य हिस्सा बन गया था ।

प्राचीन समय मे परिवर्तन आने के बावजूद यह सिर्फ भारतीय संस्कृति को प्रभाव डाल पाया । लेकिन करवा चौथ और हेना के रिश्ता गजब तरीके से बरकरार रखा गया था।

वर्तमान समय मे हेना का डिज़ाइन अपनी विशेषता और रूचियों के आधार पर कई क्षेत्रो मे अपना विस्तार करने मे सफल रहा है ।

इसके अंतर्गत हेना के डिजाइन का सर्वोत्तम रूप प्रस्तुत किया गया है इसमे हेना डिज़ाइन के महत्वपूर्ण लाभो को विस्तार से समझाया गया है साथ ही उसके धार्मिक और सामाजिक संबंध को बताया गया है

यह करवा चौथ का आर्थिक और परंपरागत मूल्य को सामाजिक तौर पर का अर्थ बताया गया है । महिलाएं अपने परिवार की सुरक्षा और सुख शांति की कामना कैसे करते हैं इसको भी विस्तार से बताया गया है ।

मेहंदी लगाने में प्रचलित सांस्कृतिक और परंपरागत रस्मो के दौरान महिला एक दूसरे के साथ गाना गाती हुई एक दूसरे के हाथों में मेहंदी की छवि को उतारते हैं साथ ही धार्मिक दृष्टि से वह इस अवसर पर व्रत रखती है

जो की समृद्ध परिवार को सद्गुण की प्राप्ति के लिए माना जाता है और इसकी खुशबू और रंगत से परिवार में रौनक आती है। उसमें छिपे प्रेम के भावनात्मक संदेश इस त्योहार को विशेष बनाते हैं।

आजकल के लोग मेहंदी के नवीन एवं स्वतंत्र डिजाइन को समाज के सामने लाते जा रहे है । साथ ही मेहंदी लगाने वाली महिलाएं एवं लड़कियां अपने पसंदीदा स्टाइल को चुनकर अपने हाथों में लगा रही है ।

इस डिजाइन के अंतर्गत पूर्णिमा, गुलाब ,मोती आदि को रखा गया है। जिससे व्यक्ति अपने मन के अनुसार चयन करता है । और शुभ अवसर पर लगाते है ।

मेहंदी डिजाइन के इतिहास को देखते हुए कुछ कलाकारों का यह कहना है कि यह डिजाइन एक सांस्कृतिक और सामाजिक रूप से समृद्धि का प्रतीक है जिसमें कि लोग प्रेम ,भाव और सुंदरता की कहानी को अपने हाथों में उतारते है ।

लोगो द्वारा उपयोग किया जाने वाला शानदार डिजाइन अर्जित किया जाता हैं यह शानदार परंपरागत तरीके से आपके परिवार की समृद्धि और खुशियों में इजाफा करने का काम करता है। यह परिवार के साथ जुड़े हर रिश्ते की महत्वपूर्ण घटक है।

करवा चौथ मेहंदी का महत्व :-

भारतीय संस्कृति के विरासत के तौर पर करवा चौथ मेहंदी को बहुत महत्वपूर्ण दर्जा दिया गया है क्योंकि यह भारत का लोकप्रिय त्योहार है जिसमें मेहंदी की प्राचीन परंपरा को साथ जोड़ा जाता है।

इस त्योहार में हेना का महत्वपूर्ण भूमिका होता है।

इसका विशेष आधार सामाजिक संदेश देना और प्रेम के भाव में सब को संजोरना होता है । यह डिज़ाइन महिलाओं की भावनाओं अपने अंदर समाहित कर लेता है।

इस दिन का आयोजन विशेष रूप से मेहंदी से जुड़ा होता है जिससे महिलाएं अपनी सुंदरता और आकर्षकता को बढ़ाने के लिए लगती है ।

यह उनके लिए विशेष दिन होता है इस दिन वह सज करके अपने पति के सामने जाति है । यह दिन उनके लिए अपने पति प्रेम दिखाने का विशेष अवसर रहता है इसमें यह मेहंदी के सहायता से खूब सजती और सवरती है ।


मेहंदी का व्यवसाय बहुत ही प्राचीन समय से होता आ रहा है । यह भारत में सबसे ज्यादा राजस्थान राज्य में मिलता है और इसमें विभिन्न प्रकार के रंग पाए जाते हैं जैसे की लाल, हरा, काला,भूरा और सफेद ।

यह आर्थिक रूप से राजस्थान को मजबूत बनाता है क्योंकि यहां के समान भारत के विभिन्न राज्यों में साथ ही विदेशों में जाते हैं। जिसका उचित मूल्य यहां के व्यापारियों की आर्थिक स्थितियों को मजबूत बनाता है ।

रोजगार की दृष्टि से देखा जाए तो इस कला आने से लोगों के बीच में काफी रोजगार उत्पन्न हुआ है ।

आधुनिक समय के मेहंदी डिजाइन को लगाने के लिए इसमें प्रयोग होने वाले प्राकृतिक तत्व जो की है नीम पाउडर, बेसन ,पानी ,आवला पाउडर और तेल इसमें शामिल है जो की मेहंदी के सुंदरता को ध्यान में रखते हुए हमारे हाथ को नया स्वरूप देता है।

करवा चौथ के अवसर पर लगाए जाने वाले डिजाइन किसी खास किस्म के डिजाइन होते हैं जिससे केवल दुल्हन के लिए बनाया होता है यह सांस्कृतिक परंपरा और धार्मिकता को साथ में लेकर चित्रित किया जाता है

यह डिजाइन काफी जटिल होता है इसमें मुख्यतः फूल पौधे पेड़ जीव जंतु का चित्र शामिल होता है इन सबको मिलाकर अलग-अलग स्वरूप प्रस्तुत किया जाता है साथ ही नए-नए डिजाइन जो कि हर वर्ष पर ट्रेंड में आते हैं उनको इसी में शामिल किया जाता है ।

वर्तमान के समय यह मेहंदी की डिजाइन हमारे परंपरा का वह रूप बनाता है । जिसे लोग समृद्धि और प्रेम का प्रतीक मानते है । इस दिन विशेष कर महिलाएं शाम तक उपवास रहती है ।

पति के द्वारा शाम को प्रसाद ग्रहण करती है । इसलिए इस अवसर पर लगाई जाने वाले डिजाइन काफी यूनिक किस्म के होते हैं महिला यह डिजाइन बनाकर अपने पति की लंबी उम्र की कामना करती है । उनके साथ अपना प्रेम और समर्पण व्यक्त करती हैं।

करवा चौथ के मेहंदी डिजाइन आजकल लोगों के बीच में व्यापक रूप से पसंद किया जा रहा है और इसकी यह डिजाइन जो आभूषण से मिल खाती है। यह लोगों में काफी लोकप्रिय चल रहा है । यह समाज को परंपरागत संदेश भी देने का कार्य कर रहा है ।

करवा चौथ के दिन मेहंदी यह परंपरा महिला और लड़कियों के बीच में समर्थन, समर्थ और सौजन्य का प्रतीक माना जाता है इसे एक परिवार की समृद्धि और खुशी की ही तरह देखते हैं मेहंदी के इस डिजाइन में गोलियां ,लचीलापन और एकांत भाव शामिल होता है । इसमें प्रचलित रस्म में सांस्कृतिक भावना बहुत ही महत्वपूर्ण होती है । पालन करना अत्यंत जरूरी होता है ।

इस डिजाइन शुभ अवसरों पर सांस्कृतिक और सामाजिक संदेश को प्रस्तुत करता है यह महिलाओं को एक दूसरे के साथ जोड़ने का कार्य करता है साथ ही एकता का समर्थन करते हैं

इसके माध्यम से महिला एक दूसरे से भली भाती परिचित होती है यह डिजाइन के माध्यम से एक दूसरे के साथ जुड़े रहने की प्रेरणा मिलती है जो कि हमारे महिला समाज के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण और उत्तरदायी की बात है ।

शादी के डिज़ाइन का महत्व और इसका उपयोग प्रेम और सौंदर्य का प्रतीक होने के रूप

भारतीय समाज में आजकल यह मेहंदी की डिजाइन काफी चलन में है । काफी महिलाएं और लड़कियां इसकी समर्थन में है । यह डिजाइन उन महिलाओं के लिए बहुत महत्वपूर्ण हो जाती है

जो नई नई दुल्हन बनी होती है उनका खास कर इस अवसर पर सभी रस्म को विस्तार से करना पड़ता है ताकि परिवार में कोई समस्या ना आए। और सुख और शांति बने रहे ।

इसके इतिहास को देखकर यह कहा जा सकता है कि यह प्राचीन समय में बहुत कम विकसित था लेकिन बदलते समय के साथ इसका विकास तेजी से हो रहा है

इसके क्षेत्र में विविधता आने की संभावना बढ़ते जा रहे हैं साथ ही यह वर्तमान समय में विश्व भर में लगाए जाने वाला डिजाइन है ।

करवा चौथ की मेहंदी की रस्मे :-

भारत में करवा चौथ एक लोकप्रिय पर्व है जिस स्त्री पवित्रता से सेलिब्रेट करती है साथ ही इस अवसर पर अपने प्रिय व्यक्ति के लंबे आयु के लिए कामना करती है और इस दिन बाद सुबह से शाम तक व्रत रखती है इस दिन को सभी महिलाओं के द्वारा धूमधाम से मनाया जाता है और इस दिन में अपने पति के साथ प्रेम और समर्पण भाव को व्यक्त करती है यह अवसर प्रत्येक साल में एक बार कार्तिक मास में मनाया जाता है जिसका सामाजिक और धार्मिक दृष्टि से बहुत महत्व होता है ।

करवा चौथ का यह आयोजन मेहंदी के रस्म के साथ प्राचीन समय से ही जुड़ा हुआ है क्योंकि महिलाओं की एक विशेष परंपरागत प्रथा साबित होता है। इसलिए यह मेहंदी के इस्तेमाल से जुड़ा होता है । यह समाज के बीच विशेष संस्कृत सामाजिक महत्व रखता है विभिन्न क्षेत्रों में अपने क्षेत्र अपने स्थान परंपरा अपनाएं जाते है ।

मेहंदी के इस रस्म का आरंभ अक्सर गाने और धुनो के साथ होता है जिसमें महिला आपस में मौज मस्ती करती है और मेहंदी लगाने की तैयारी करते हैं इस रस्म के दौरान महिला एक दूसरे के हाथों में मेहंदी की चित्रकारी करते हैं यह महिलाओं के हाथ में लगने वाला मेहंदी रमड़ी कला से बनता है जिसे लोग काफी पसंद करते है । जिसकी आकृतियां


प्राकृतिक वस्तुओं से मेल करती है। जिनमें फूल, पत्तियाँ, और अन्य रंगीन आकृतियाँ शामिल होती हैं।

मेहंदी के इस अवसर के दौरान महिला एक दूसरे के साथ अपने अनुभव और किस्से कहानियों को साझा करती है जो की परंपरागत तरीके से मार्गदर्शक होते हैं। साथ ही हिंदी लगाने के पीछे छुपे कहानियों को उजागर करते हैं ।

अगर आप मेहंदी से संबंधित है किसी भी प्रकार की जानकारी चाहते हैं तो आप हमारे वेबसाइट पर निरंतर हमें फॉलो करते रहिए ।

इसके माध्यम से हम आपको नए-नए मेहंदी डिजाइन के जानकारी प्रदान करेंगे साथ ही विभिन्न प्रकार की मेहंदी के महत्व और उसकी विशेषता को विस्तार से बताएंगे ।

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