यह मेहंदी डिजाइन भारत के शादी के अवसर में बहुत ही पारंपरिक रूप से उपयोग में ले जाते हैं। इसका प्रारंभ प्राचीन समय से हुआ था । लोग संस्कृति, धार्मिकता और कला के मेल से एक अद्भुत आकृति का निर्माण करते थे और उसको अपने हाथ, पैर और बालों में लगाया करते थे।
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दुल्हन मेहंदी का इतिहास
ऐसा माना जाता है कि मेहंदी डिज़ाइन की शुरुआत हिन्दू धर्म में हुई है । जहां पर लोग इसे अपने देवी-देवताओं के साथ संबंधित बताते थे । और इसका महत्व यह है कि इसे धार्मिकता का हिस्सा माना जाता था। लड़कियां और महिलाएं इसका मुख्य रूप से उपयोग धार्मिक कार्यक्रम, उपवास, तीज त्योहार ,शादी और विभिन्न पूजाओं में करती थीं।
काले रंग के मेहंदी को धार्मिक और सांस्कृतिक तथ्यों से जोड़ा जाता है। जिसमें इसको आकर्षकता, पवित्रता, और आभूषण के स्वरूप माना गया है। अगर हम सांस्कृतिक और धार्मिक रूप से मेहंदी के डिजाइन की बात करें तो इसमें सूर्य, चंद्रमा, पंख, फूल, और अन्य चित्र का प्रयोग होता है । जो कि हमारे धार्मिक रूप से बहुत ही मान्य होता है ।
भारतीय शादियों में दुल्हन की मेहंदी को नए जीवन के लिए शुभ और भव्यता का रूप माना जाता है । इस डिजाइन में मुख्य रूप से दुल्हन का नाम, दुल्हा क नाम और धार्मिक आकृतियो का मिलावट होता है। यह डिज़ाइन दुल्हन के हाथों और पैरों को सजाता है । और साथ ही उसके जीवन मे खुशिया और रंगीनता से भर देता है।
शादी जैसे उत्सव को और भी खुशनुमा एवं आकर्षक बनाने के लिए हम आपके लिए इस कला में नए स्वरूप लाये हैं । जैसे कि ब्राइडल मेहंदी डिजाइन के नए और आकर्षक डिज़ाइन जो आपके शादी की महत्वता को बढाती है । साथ ही वह दुल्हन को नाये ट्रेंड्स के अनुसार डिज़ाइन चुनने का अवसर प्रदान होगा । और इसके साथ स्थानीय संस्कृति वाले डिजाइन और मॉडर्न एलीमेंट्स डिज़ाइन भी इसमे शामिल है ।
यह डिज़ाइन दुल्हन के लिए बहुत अनोखा साबित होता है ।और इस प्रकार यह मेहंदी न केवल सौंदर्यिक सजावट को बढ़ावा देता है बल्कि यह धार्मिक और सांस्कृतिक महत्वों को भी मजबूती प्रदान करता है। इस कला के माध्यम से दुल्हन अपने नये जीवन की शुरुआत अच्छे भाग्य और पवित्रता से करती है।
दुल्हन मेहंदी के प्रकार :-
दुल्हन मेहंदी प्रकार की बात करे तो इसमे कई प्रकार होती है। जो हेना के सौंदर्य और धार्मिक सांस्कृतिक के विविधता को बतलाती हैं। यहां कुछ दुल्हन मेहंदी के प्रकार हैं :-
ब्राइडल मेहंदी:
यह केवल शादी के अवसरो पर लगाए जाने वाला डिजाइन है । यह दुल्हन के हाथों और पैरों पर लगाए जाते हैं और उनकी सुंदरता को बढ़ाने में अपना योगदान देती हैं । साथ ही यह दुल्हन को सजावट में उपयोग किए जाने वाला सामग्री है । इसके अंतर्गत मुख्यतः फूल, पत्तियाँ, जालीदार डिज़ाइन के चित्र की आकृति का प्रयोग किया जाता है ।
राजस्थानी मेहंदी:
राजस्थान से उभरी राजस्थानी मेहंदी डिज़ाइन पूरे विश्व भर में प्रसिद्ध है और यह अपने गहरे रंग के कारण और भी विख्यात माना जाता है। इस डिजाइन की माध्यम से राजस्थान की प्राचीन समय की संस्कृति को दिखाने का एक अद्भुत प्रयत्न किया गया है ।
आरेबिक मेहंदी:
यह मेहंदी कला में सबसे जटिल डिजाइन माना जाता है तथा यह बनने में काफी समय लेता है इस कारण लोग इसे हमेशा ही किसी कलाकार के द्वारा ही लगवाते हैं । इसमें विभिन्न डिजाइनों को सम्मिलित करके एक सुंदर और आकर्षक डिजाइन बनाया गया है जो की काफी खुदरा और चमकिला दिखाई देता है ।
मोरोक्कन मेहंदी:
माना जाता है कि यह डिजाइन मोरक्को से लाया गया है इसलिए उसका नाम मोरोक्कन मेहंदी डिज़ाइन रखा गया है। इसमें गोलियों के चित्र और जालीदार चित्र को मिलाकर डिजाइन बनाया जाता है जो कि इस डिजाइन की कर सकता और लुभावनापन को प्रदर्शित करती है। इस डिजाइन का प्रारूप मुख्य रूप से हाथ और पैर में किया जाता है ।
गुल दस्ता मेहंदी:
यह डिज़ाइन विभिन्न फूलों जैसे गुलाब ,कमल, गेंदा और सूरजमुखी आदि सभी के डिजाइन को मिलाकर एक बेहतर डिजाइन बनाया जाता है जिसे लोग लगाना व्यक्ति पसंद करते हैं क्योंकि यह डिजाइन थोड़ा जटिल होता है इसलिए यह बनने में थोड़ा सा समय लेता है।
जालीदार मेहंदी:
इस डिजाइन के अंतर्गत केवल जालीदार और इंट्रिकेट डिज़ाइन होते हैं । यह डिजाइन आप किसी भी शुभ अवसर पर लगाकर अपने हाथ पैर और शरीर की सुंदरता बढ़ा सकते हैं लेकिन कुछ लोग इसे शादी के अवसर पर ज्यादा लगाते हैं ।
मंगलसूत्र मेहंदी:
यह डिजाइन खास तौर पर शादी के अवसरों के लिए ही बनाया गया है इसमें दुल्हन की मंगलसूत्र डिज़ाइन को नकल करने का प्रयास किया जाता है । यह डिजाइन दुल्हन की विशेषता एवं सौभाग्यता को दर्शाता है ।
स्वर्ण और चांदी की मेहंदी:
इस डिज़ाइन में स्वर्ण और चांदी की ओर ज्यादा ध्यान दिया जाता है और उसकी तरफ ध्यान आकर्षित करने का कोशिश किया जाता है साथ ही सोने ,चांदी के साथ बेहतर मेल बैठने के लिए इस डिजाइन को उचित माना जाता है और इसका ज्यादातर उपयोग दुल्हन को सजाने के लिए किया जाता है।
मेहन्दी मे आदिवासी के लोक कला का महत्व
मेहंदी डिज़ाइन में आदिवासी और लोक कला का एक विशेष महत्व होता है । और यह उनके सांस्कृतिक और भावनाओं को साथ मिलाकर एक सौंदर्यपूर्ण डिज़ाइन का चित्रण करते है। यहा पर कुछ विशेषताएं है :-
- सांस्कृतिक समृद्धि:
इस मेहंदी डिज़ाइन में आदिवासी और लोक कला और संस्कृति को समाहित करके दिखाया गया है । इस डिजाइन को भौतिक एवं आध्यात्मिक दोनों रूप से प्रमोट किया जाता है साथ ही आदिवासी संस्कृति का समावेश इसमें मुख्यत: होता है । - एकांत और प्राकृतिकता:
मेहंदी के इस डिजाइन में आदिवासी लोक कला के एकांत और प्राकृतिकता का महत्वपूर्ण स्थान है। यह मेहंदी डिज़ाइन को सरल, सुंदर, और प्राकृतिक बनाता है। साथ यह मेहंदी के डिजाइन को प्रकृति से जोड़ने का कार्य करती है। - जल संरचना:
कई आदिवासी समुदायों में मेहंदी के इस परंपरा को काफी प्राचीन समय से चलन में लाया जा रहा है इसमें की यह समुदाय मुख्य भूमिका निभाती है। यह मेहंदी डिज़ाइन में पानी का इस्तेमाल को बतलाता है जिससे विभिन्न रंगों को सुरक्षित और प्राकृतिक जल की प्राप्ति होती है। - परंपरागत भूलचुक:
आदिवासी और लोक कला में कुछ परंपरागत भूलचुक के कारण इस कला के क्षेत्र में हम पीछे होते जा रहे हैं। और पहले समय के मुकाबले वर्तमान समय में बहुत कम मेहंदी का प्रयोग होता है। यही सब भूलचूक को सुधार करते हुए आदिवासी लोग जंगलों में मेहंदी के पौधों की रखवाली करते हैं और उसे लोगों तक पहुंचाने का अहम भूमिका निभाते हैं । - रूपरेखा और रंग :
आदिवासी के लोक कला में रूपरेखा और विभिन्न रंगों का बहुत महत्व होता है । रूपरेखा और रंग के माध्यम से मेहंदी के विभिन्न डिजाइनों का चित्रण लोगों के सामने होता है और आगे चलकर लोग इसे अपने डिजाइन के रूप में चुनकर प्रयोग करते हैं । इन डिज़ाइन का सही संघटन, सौंदर्य और सुंदरता को बढ़ाता है। - जैव विविधता का समर्थन:
मेहंदी डिजाइन के इस महत्वपूर्ण तत्वों को बहुत कम लोग ही जानते हैं । कई मेहंदी डिज़ाइन्स में पौधों, पुष्पों और प्राकृतिक तत्वों का उपयोग होता है । जो जैव विविधता का समर्थन करता है इसलिए लोग ज्यादा फूल पौधे लगाना पसंद करते हैं । - गांव की रहनुमाई:
आदिवासी और लोक कला की शैली में गांव के जीवन का चित्रण अपने मेहंदी डिजाइन के माध्यम से की जाती है जिसे लोग ज्यादातर पसंद करते हैं और अपने हाथों में उतारते हैं । यह गांव की संस्कृति को दिखाने में काफी मदद करता है।
दुल्हन मेहंदी के आधुनिक ट्रेंड
मेहंदी के बढ़ते ट्रेंड को देखते हुए हमने कुछ नए आकर्षक डिजाइन आपके लिए छाटकर लाये है ।
इनमें से कुछ प्रमुख ट्रेंड्स निम्नलिखित है :-
- ग्लिटर और राजवाड़ी स्टोन्स:
आजकल आधुनिकता को देखते हुए साथियों के अवसर पर दुल्हन की मेहंदी में ग्लिटर और राजवाड़ी स्टोन्स का उपयोग बहुत ही ज्यादा होने लगा है । और इसका उपयोग बहुत ही हद तक उपयुक्त माना जाता है। जिससे उनके हाथ और पैर चमकीले और आकर्षक दिखते हैं। - बोल्ड और इंट्रिकेट डिज़ाइन:
मेहंदी डिजाइन में बोर्डऔर इंट्रिकेट डिज़ाइनों का बहुत ही समय से चलन बढ़ रहा है और इसकी ट्रेंड्स को देखते हुए हमने कुछ इसके नए डिजाइनों को को लाया है जिसमे की मुख्यतः जालीदार डिजाइन , रॉयल डिजाइन और रिंग डिजाइन इसमें शामिल है यह डिजाइन वर्तमान समय में बहुत ही ज्यादा लगने वाले डिजाइन में से एक है इसलिए ज्यादा से ज्यादा लोग इसको पसंद कर रहे हैं । - हाथों और पैरों का पूरा कवर:
यह डिजाइन हाथ और पैरों को देखकर ही बनाया गया है इस डिजाइन में हाथ और पर दोनों को पूरा कर किया जाता है इस डिजाइन का मुख्ता प्रयोग शादी के अवसर पर किया जाता है जब दुल्हन सजाती समझती है तब उनके हाथों और पैरों को दोनों को मेहंदी लगाया जाता है दुल्हन को एक आधुनिक एवं आकर्षक लुक देने का कार्य करती है । - मेहंदी में ज्वेलरी और फूलों का संगम:
यह डिजाइन शादियों में बढ़ते मेहंदी की मांग को देखकर ही बनाया गया है इस डिजाइन के अंतर्गत मेहंदी ज्वेलरी और फूलों के कांबिनेशन से बेहतर डिजाइन बनाया जाता है । जिसको आप किसी भी अवसर पर लगा सकते हैं यह आपकी सूचनाता को बढ़ाने के साथ-साथ आपको आज का संतुष्टि भी देता है । - रंगीनीयता में वृद्धि:
यह डिजाइन शादी के लिए ही बनाया गया है इसलिए इसके रंग का खास ध्यान दिया जाता है कि इसमें गाढ़ापन भरपूर हो जिस की मेहंदी लगाने पर यह बहुत लंबे समय तक आपके हाथों में बनी रहे और इसमें विभिन्न रंगों को मिलाकर मेहंदी डिजाइन को और भी आकर्षक एवं रंगीन बनाया जाता है जो की दुल्हन के हाथों और पैरों को सजाने करने में बेहतर योगदान दे ।