शादी से पूर्व दुल्हन को मेहंदी क्यों लगाई जाती है?

शादी से पूर्व दुल्हन को मेहंदी क्यों लगाई जाती है: शादी से पहले मेहंदी लगाना भारतीय परंपरा की एक अभिन्न अंग है । परंपरा प्राचीन समय से चलती आ रही है, शादी से पहले मेहंदी लगाना पवित्र माना जाता है । और शुभ के साथ सकारात्मक संकेत माना जाता है ।

इसे सकारात्मक भाव से देखते हैं मेहंदी से रिश्तों में मजबूती आती है । यह परम्परा भारत में नहीं बल्कि बांग्लादेश, पाकिस्तान , नेपाल आदि विभिन्न देशों में प्रचलित है।

शादी में मेहंदी का ट्रेंड


शादी मे दो अनजान व्यक्ति आपस मे वैयवाहिक सम्बन्ध बनाते है। और अपना नए जीवन की शुरुआत करते है। और इस अवसर पर मेहंदी को एक शुभ संकेत रुप मे माना जाता है और इससे भविष्य के लिए शुभ और सुख-शांति की कामना की जाती है।


मेहंदी लगाना धार्मिक और सांस्कृतिक परम्परा को बढ़ावा देता है, इसे शुभ अवसर का प्रतीक माना जाता है जो नए जीवन के आरंभ को सुंदर और समृद्धि से भरा बनाता है। यह किसी भी नये लोग की जीवन मे ऊर्जा भरने का कार्य करता है।


इसके अलावा मेहंदी का लगाना सामाजिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे दुल्हन को सुंदरता से भरपूर महसूस होता है। यह एक सांस्कृतिक आयोजन का हिस्सा बनकर दुल्हन को उत्साह के साथ नए जीवन की शुरुआत के लिए तैयार करता है।


शादियों मे मेहंदी लगाना एक ट्रेंड सा चल रहा है।आजकल के सभी शादियों मे मेहंदी लगाया जाता है । मेहंदी लगाए बिना शादी अधूरा अधूरा सा लगता है। शादियों मे मेहंदी लगाने के साथ उससे सम्बन्धित गीत ,नाच ,गाना भी इसमे शामिल है। साथ ही कथा कहानी भी सुनाया जाता है।

शादियों में श्रींगार के रूप में मेहंदी का उपयोग


शादियों मे मेहंदी दुल्हन के श्रृंगार के रूप मे कार्य करती है। सभी दुल्हन की ईच्छा होती है । की वह अपने शादी के दिन सबसे खूबसूरत दिखे और सभी की नज़र उसी पर रहे इसमे मेहंदी की मुख्य भूमिका निभाती है । यह लोग के आँखों मे एक अलग सी रौनक लाती है ।

प्राचीन समय मे तो दुल्हन ही बस मेहंदी लगाती थी । परन्तु आजकल यह बदल चुका है। अब दूल्हा भी मेहंदी लगाने लगे है। बहुत से शादियों मे पाया गया है । की दूल्हा भी हेना लगाता है । भारत मे बहुत जगहों पर तो इसे शुरु भी कर दिया गया होगा ।


शादी से पहले दुल्हन को मेहंदी लगाने के लिए पूरे परिवार डिज़ाइन का चयन करते है। परन्तु दूल्हा अपने डिज़ाइन का अपने से चुनाव करता था । और दूल्हे हाथ सिर्फ मे ही यह कलाकृति किया जाता था ।

यह चयन करने कार्य सिर्फ बड़े बुजुर्ग लोगो पर छोड़ दिया जाता है । और उनके साथ कुछ महिलाये भी होती है । यह मेहंदी शादी के 2-3 दिन पहले लगाया जाता है । ताकि शादी तक आराम से मेहंदी लग जाये। और अपना एक शानदार रंग हाथो रच जाये ।

पुराने समय से ही यह परम्परा ,संस्कृति एवं प्रचलन चाली आ रही है । की शादी के दौरान हेना लगाना चाहिए । प्राचीन समय मे इसका बहुत महत्व होता था की लोग इसका पूर्ण रूप से पालन करे । यह सबके लिए खुशिया का मौका होता है की इसको लगाना वो भी अपने मन के हिसाब से।

मेहंदी के पत्तों का उपयोग

प्राचीन काल मे लोग हेना के पत्तों का उपयोग करके ही अपनी डिज़ाइन को अपने हाथो मे लगाया करते थे । और शादियों मे मेहंदी लगाने से पति पत्नी के बींच मे सम्बंध अच्छे रहते है । साथ ही उनके रिश्ते बेहतर होते है । इस परम्परा को शुभ और सकारामक्ता से जोड़ा जाता है ।

शादी से पहले दुल्हन बनने वाली लड़की को अपने शादी के अच्छे सपने होते है । की वह किस प्रकार अपने शादी मे तैयार होगी । इसमे हेना महत्व बहुत होता है । ये शादी मे चार चाँद लगाता है । अकसर लड़किया शादी के बारे मे सोचती है तो सजावट की ही बात निकलकर आती है।

शादी के दौरान दुल्हन को मेहंदी लगाने की यह परम्परा धार्मिक और सामाजिक रूप से बहुत महत्वपूर्ण होते है । भारतीय संस्कृति मे मेहंदी को सौभाग्य, अच्छी जीवन और आशीर्वाद का दर्जा दिया जाता है । यही कारण के वजह से लोगो का मेहंदी मे रुझान बढ़ गया है ।

बहुत लोगो के समूह मे शादी से पहले मेहंदी और शादी के बाद गोदना का प्रथा चलता है । यह उनके धार्मिक मान्यता के अनुसार सभी को पालन करना होता है । यह मान्यता अभी से नहीं बल्कि प्राचीन समय से ही चल रहा है । जो की काफी लोकप्रिय है ।

लोग शादी नाम सुनते ही फिल्मो वाली शादी की कल्पना करना आरम्भ कर देते है । की दुल्हन खूब सज झज के आती है । जिसमे की बहुत सी सजो समान लगते है। और इन्ही मे से एक मेहंदी है जो दुल्हन को खूबसूरत बनाने मे काफी हद तक मदद करती है ।

शदियो मे मेहंदी लगाने से पहले उस डिज़ाइन का चयन होता है । और इसका चयन बड़े बुजुर्ग लोग ही करते है । वे ऐसे डिज़ाइन का चयन करते है । जिसमे किसी पुरानी कहानी भी बताई जा सके । चयन के उपरांत किसी प्रसिद्ध कलाकार से यह डिज़ाइन बनवाया जाता है ।

शादी में मेहंदी खुशियों का प्रतीक

शादी के समय खुशियों का तो होता है । साथ ही उसके पहले का दृश्य भी काफी सुहाना होता है । रिग का प्रोग्राम , मेहंदी का प्रोग्राम , नाच गाना ,खाना पीना यह सब शादी की रौनक बढ़ाने मे कार्य करती है । और भी विभिन्न प्रकार की चौका चोंन्ध भी इसके खुशियों मे इजाफा करता है ।

ऐसा माना जाता है कि यह दूल्हा-दुल्हन के जीवन मे सकारात्मकता लाने का कार्य करता है और उनके जीवन को ऊर्जा से भर देता है । अगर आप हमारे साथ जुड़ना चाहते है तो ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के माध्यम से जुड़ सकते है । यहा आपको सभी प्रकार के डिज़ाइन का लेख मिलेगा ।

शादी एक खुशियों का अवसर है। इसमे सभी लोग विभिन्न रूप से खुश होते है । कोई शादी के लिए खुशी मनाता है तो कोई नये सदस्य के लिए और कोई अपने सजावत को देखकर खुश होते है। लेकिन दुल्हन के खुशी का कारण मे मेहंदी की अहम भूमिका होती है ।क्योकि यह उनकी सजावट का हिस्सा है जो उनको काफी सुख देता है।

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